माता दुर्गा शेरावाली
माता दुर्गा शेरावाली की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है यह सभी महाविद्याओं का…
बटुक भैरव साधना, सरल प्रयोग,…….🌹🌹🌹🌹
भैरव का रंग श्याम है। उनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें वे त्रिशूल, खड़ग, खप्पर तथा नरमुंड…
शून्य ही पूर्ण हैं
ओर पूर्ण ही शून्य हैंlशून्य सें अधिक पूर्ण इस जगत में कुछ हैं ही नहींओर पूर्णता…
॥ गायत्रीमन्त्राः ॥
सर्व गायत्री 145 देवो के गायत्री मंत्र
1 सूर्य ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥2 ॐ आदित्याय…
हनुमान रक्षा-शाबर मन्त्र
“ॐ गर्जन्तां घोरन्तां, इतनी छिन कहाँ लगाई ? साँझ क वेला, लौंग-सुपारी-पान-फूल-इलायची-धूप-दीप-रोट॒लँगोट-फल-फलाहार मो पै माँगै। अञ्जनी-पुत्र…
महामृत्युंजय मंत्र की रचना कैसे हुई? किसने की महामृत्युंजय मंत्र की रचना और जाने इसकी शक्ति!
शिवजी के अनन्य भक्त मृकण्ड ऋषि संतानहीन होने के कारण दुखी थे, विधाता ने उन्हें संतान…
विष्णु भगवान की कथा
एक बार भृगु ऋषि ने जानना चाहा कि ब्रह्मा ,विष्णु और महेश में कौन सबसे श्रेष्ठ…
भगवान दत्तात्रेय की जयंती मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन 29 दिसंबर 2020 को मनाई जाएगी। दत्तात्रेय को त्रिदेवों अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु और महेश का संयुक्त रूप माना जाता है। एक मान्यता यह भी है भगवान दत्तात्रेय विष्णु के अवतार है। दत्त जयंती पूरे देश में श्रद्धा भक्ति के साथ मनाई जाती है। दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में इसका अधिक महत्व है। इसीलिए महाराष्ट्र में प्रसिद्ध दत्त संप्रदाय में बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। भगवान दत्तात्रेय में त्रिदेवों की शक्ति समाहित है इसलिए इनकी पूजा समस्त सुख, वैभव, ऐश्वर्य प्रदान करने वाली कही गई है।
भगवान दत्तात्रेय के तीन सिर और छह भुजाएं होती हैं। इनका वाहन श्वान को बताया गया…
क्यों है नौ ग्रहों में शनिदेव विशेष ?
महाराष्ट्र में एक छोटा सा गांव है शिंगणापुर, जहां आज भी किसी भी घर में दरवाजे…
कथा :- सती अनसूया की परीक्षा
एक बार नारदजी विचरण कर रहे थे तभ तीनों देवियां मां लक्ष्मी, मां सरस्वती और मां…