कालीवीर जी

kuldevta

देवों के देव महादेव (आदुनाथ) के चेले बाबा श्री कालीवीर जी महाराज 

बाबा कालीवीर जी को कलयुग का सरदार भीकहा गया है और उनको वरदान है की वो कलयुग मैं अपने भक्तो के कष्ट काटने केलिए घर घर में  प्रकट होंएगे! वैसे तो बाबा कालीवीर जी की जीवन लीला पर हरएक का अपना अपना मत है और इनको चलित्री  देव भी कहा गया है इन्होने अपना सचकिसी को नहीं बताया है ! लोग मतों के आदर पर बाबा जी की कहानी इस प्रकारहै :-

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बाबा कालीवीर जी  के पिता का नाम राजाईशर था,उनकी माता का नाम माता केशरी (कालिपरी) था जो की इंद्र देव जी कीबेटी थी , बाबा कालीवीर जी का जन्म स्थन कश्मीर है और उन की तपो भूमिअयोध्या है,बाबा कालीवीर जी ने अलग अलग युग में अलग अलग अवतार लिए हैं जैसेत्रेता युग में लक्ष्मण जी , दोअपर युग में बलराम जी , बाबा कालीवीर जी एकमहान योदा थे और उनको नागो का देवता भी मन जाता है !वैसे तो बाबा कालिवीरजी की मान्यता हर प्रान्त में होती है किन्तु विशेषतौर पर जम्मु कश्मीर , हिमाचल प्रदेश में उन्हें नाग रूप में पूजा जाता है ! बाबा कालीवीर जी राजामंडलीक (जिन्हें गोगा जाहर वीर भी कहा जाता है ) के वजीर के रूप में भीपूजा जाता है ! बाबा कालीवीर जी की प्रिय सवारी काला घोड़ा है , व उनकेप्रिय वस्त्र काले वस्त्र है ! आमतोर पर बाबा कालीवीर जी  को काले घोड़े परस्वर , काले वस्त्र पहने हुए सर पर लाल पगड़ी हाथ में तलवार व उनकी गर्दन परकला नाग लिपटा हुआ दर्शाया जाता है ! जम्मु कश्मीर में लोग बाबा कालीवीर  जी को कुलदेवता के रूप में पूजते  है ! बाबा कलिवीर जी एक महान योदा थेउन्होंने राजा मंडलीक को कई बार युद्ध में विजय दिलाई थी , राजा मंडलीक कोकई बार मुश्किलों से बहार निकला था , जन कथा के हिसाब से एक बार राजामंडलीकको बंगाल की राजकुमारी सिर्गला ने जादू में बंदी बना लिया ,तब बाबाकालीवीर जी ने बंगाल के उस जादू को तोड़ कर राजा मंडलीक को वापिस उनके राज्यबागड़ प्रान्त में लाया !!