ऋषि, मुनि, साधु और संन्यासी में अंतर :——

भारत में प्राचीन काल से ही ऋषि मुनियों का बहुत महत्त्व रहा है। ऋषि मुनि समाज…

पंचायतन (पाँच देवताओ) की पुजा का महत्त्व एवं विधि
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हिन्दू पूजा पद्यति में किसी भी कार्य का शुभारंभ करने अथवा जप-अनुष्ठान एवं प्रत्येक मांगलिक कार्य…

अस्थि विसर्जन क्यों करते हैं गंगा में ?

सनानत धर्म में मां गंगा को मोक्ष दायिनी कहा गया है, स्कंद पुराण में बताया गया…

दुःख दूर करने के उपाय ।

हम सभी सुखी होना चाहते हैं। कोई भी दुखी नही होना चाहता। दुःख दूर करने के…

कार्तिक मास में तुलसी की महिमा

ब्रह्मा जी कहे हैं कि कार्तिक मास में जो भक्त प्रातः काल स्नान करके पवित्र हो…

मृत्यु से भय कैसा

राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए…

देवर्षि नारद की भक्ति के :———-

श्रीमदभागवत जी के महात्म के द्वितीय अध्याय में भगवान के परमप्रिय भक्त नारद जी नें भक्ति…

ऋषियों के आश्चर्यजनक आविष्कार :——–

भारत की धरती को ऋषि, मुनि, सिद्ध और देवताओं की भूमि पुकारा जाता है। यह कई…

म्हालसा देवी

एक पौराणिक कथा के अनुसार म्हालसा, देवी पार्वती का अवतार है। इस किंवदंती के अनुसार, म्हालसा…

देवी सुलोचना

सुलोचना (सुलोचना = सु+लोचना अर्थात् सुंदर नेत्रों वाली) नागराज शेषनाग और देवी नागलक्ष्मी की पुत्री तथा…