नाहरसिंह इस नाम से आप सभी लोग परीचित होंगे।
नाहरसिंह नौ प्रकार के होते है। प्राचीन मान्यताओ के अनुसार पांच नाहरसिंह
मोहम्मदा वीर ने अपनी शक्ति द्वारा बांध लिए थे, वे नौ के नौ नाहरसिंह को बांधना चाहते थे पर केवल
पांच को ही बांध पाए क्योंकि बाकी सभी नाहरसिंह अपने आप में दिव्य शक्ति रखते थे
और उन्हें कुछ महान आत्माओ का समर्थन प्राप्त था। एक नाहरसिंह कामरूप कामख्या में
है, उनके बारे में कहा
जाता है कि वे योगी इस्माइलनाथ के शिष्य थे और जादूगरनी चैनावंती जो कि उनकी गुरु
बहन थी उनके साथ विचरण करते थे। एक नाहरसिंह की उपासना हिमाचल में की जाती है, यह नाहरसिंह बाबा
बालकनाथ जी और बाबा बडभाग सिंह जी के अधिकार में आता है। एक नाहरसिंह को मोहन
नाहरसिंह कहा जाता है यदि इनकी पूजा कर इन्हें सिद्ध कर लिया जाये तो किसी का भी
वशीकरण किया जा सकता है। इन्हें ढाक के पेड़ के नीचे सिद्ध किया जाता है और ढाक के
पत्ते पर कड़वा पान रखकर उस पर शराब की धार दी जाती है। एक नाहरसिंह की उपासना
राजस्थान में होती है यह नाहरसिंह सबसे शक्तिशाली माना जाता है। इन्हें नाहरसिंह
वीर भी कहते है,नाहरसिंह वीर बाबा जाहरवीर के वजीर कहे जाते है। इनकी माता का नाम नारी
ब्राह्मणी था, यह जाति के ब्राह्मण थे।
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जिस
प्रकार रामजी के दूत हनुमान जी है ठीक उसी प्रकार गोगा जाहरवीर जी के दूत नाहरसिंह
वीर है। नाहरसिंह वीर गुरु गोरखनाथ जी के प्रमुख शिष्य थे यदि नाहरसिंह वीर को
सिद्ध कर लिया जाये तो साधक बड़े से बड़े कार्य बड़ी आसानी से पूर्ण कर सकता है।
नाहरसिंह वीर का उपासक जिस स्थान पर बैठ जाता है उस स्थान से भूत-प्रेत पलायन कर
जाते है क्योंकि नाहरसिंह वीर 12 कोस का इलाका बांध देते है। इसके इलावा यदि किसी
की खबर मंगवानी हो तो नाहरसिंह वीर कर्ण पिशाचिनी की तरह कान में आवाज़ भी दे देते
है। नाहरसिंह वीर को सिद्ध करने के बाद आप भूत-प्रेत आदि से पीड़ित लोगों का इलाज
बड़ी आसानी से कर सकते है। शाबर मंत्रो में एक ही देवता को सिद्ध करने की अनेक
विधियां है। एक विधि से आप देवता को प्रत्यक्ष कर सकते है, दूसरी विधि से देवता
की मूठ चलाई जाती है, तीसरी विधि ऐसी है जिससे देवता प्रत्यक्ष नहीं होता पर उस मन्त्र का जाप
करने से देवता की सवारी आ जाती है।
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भादो
कृष्ण नवमी को गोगा जाहरवीर का जन्म हुआ था और उनके जन्म से तीन दिन पहले भादो
कृष्ण षषठी को नाहरसिंह वीर का जन्म हुआ था। मैं यहां नाहरसिंह वीर की सवारी
बुलाने की साधना लिख रहा हूँ और मेरा यह दावा है कि बिना किसी ढोल नगारा और साज के
मैं केवल मन्त्र शक्ति द्वारा सवारी बुला सकता हूँ और जिस पर सवारी आएगी वे
शराब का बहुत सेवन करेगा पर सवारी जाने के बाद उसे एक प्याले का भी नशा नहीं होगा
और सवारी के समय वे जिसे भी आशीर्वाद या शाप देगा वो सत्य होगा। यह कोई काल्पनिक
बात नहीं है मैं इसका प्रत्यक्ष अनुभव करवा सकता हूँ। मैने इस साधना का प्रयोग कई
बार किया है और भादों के महीने में जब भी गोगा जाहरवीर का जागरण किया जाता है
लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए नाहरसिंह वीर की सवारी को बुलाया जाता है।
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नाहरसिंह वीर मन्त्र ।।
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फूल
हंसे, फूल महके, फूल टहके,
फूलां
विच नाहरसिंह वीर वसे,
नाहरसिंह
दी खोपड़ी,
नाहरसिंह
दा कड़ा,
जिस
वेले हाका ओसे वेले,
नाहरसिंह
वीर हाज़र खड़ा।
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विधि ।।
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इस
साधना को आप किसी भी दिन से शुरू कर सकते है। सबसे पहले चावल उबालकर रख ले फिर उन
चावलों को एक कागज़ की कटोरी में रखकर उस पर देसी घी डाल दे और फिर शक्कर डाल दे
इस प्रकार हर रोज पूजा के समय आप चावलों को अपने पास रख ले। एक तेल का दीपक जलाये
और आसन जाप और शरीर कीलन के बाद अपने चारों ओर शिंगरफ का गोला बनाये और गुरु पूजन
कर गणेश पूजन करे और मन्त्र जप शुरू कर दे, मन्त्र जप रात्रि 10 वजे से 1 बजे तक होना चाहिए दुसरे दिन चावल उठाकर कहीं बाहर
उजाड़ स्थान पर रख आये। यह क्रिया 41 दिन तक करनी है यदि कोई डरावना अनुभव हो तो न
घबराये गुरु कृपा से सब ठीक हो जायेगा। पहले दिन और अंतिम दिन एक शराब की बोतल
किसी व्यक्ति को मन्त्र से 21 बार अभिमंत्रित कर दान दे।
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प्रयोग विधि ।।
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इस
मन्त्र को सिद्ध करने के बाद जब भी आवश्यकता हो तो अगरबती जलाये और मन्त्र का जाप
करे आप पर सवारी आ जाएगी और आप जो पूछोगे वो सच्च-सच्च बता देगी यदि किसी और पर
सवारी बुलानी हो तो 21 बार मन्त्र से अभिमंत्रित शराब उन्हें पिला दे उस पर सवारी आ जाएगी।
भूत-प्रेत आदि दुष्ट आत्माएं कई बार लोगो पर सवार हो जाती है और उन्हें परेशान
करती है यदि भूत-प्रेत की सवारी किसी व्यक्ति पर सवार हो तो इस मन्त्र का सात बार
जप कर शराब का प्याला पीड़ित व्यक्ति के सिर से उसार कर पी जाये सवारी उसी समय
शांत हो जाएगी और पीड़ित व्यक्ति ठीक हो जायेगा। जब भी नाहरसिंह वीर की सवारी आती
है तो बहुत शराब पीती है इसलिए शराब का प्रबन्ध पहले से करके रखे और कार्य पूर्ण
होने पर नाहरसिंह वीर से सवारी ले जाने की प्रार्थना करें।
–।। चेतावनी ।।
–कमजोर दिल वाले इस
साधना को भूल कर भी न करें। किसी भी हालत में साधक जाप पूरा होने से पहले गोले से
बाहर न आये।