फाल्गुन (कुम्भ) संक्रांति 12 फरवरी शनिवार को,इस दिन दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुण्य प्राप्त होता है :- महंत रोहित शास्त्री।

अपनी राश‍ि के हिसाब से करें दान

जम्मू कश्मीर :- फाल्गुन संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि को छोड़ कुम्भ राशि में प्रवेश करते है इसी वजह से इस संक्रांति को कुम्भ संक्रांति कहते हैं। फाल्गुन संक्रांति के विषय में श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के अध्यक्ष (ज्योतिषाचार्य) महंत रोहित शास्त्री ने बताया इस वर्ष सन् 2022 ई. फाल्गुन सक्रांति का पर्व 12 फरवरी शनिवार को मनाया जाएगा। शनिवार 12 फरवरी की रात्रि के बाद 03 बजकर 26 मिनट पर (27 बजकर 26) मिनट पर सूर्य देव कुम्भ राशि में प्रवेश करेंगे। फाल्गुन संक्रांति का पुण्य काल अगले दिन सुबह 09 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

फाल्गुन संक्रांति फल :-

यह संक्रांति कर्क, सिंह,कन्या,तुला, धनु, मकर, कुम्भ एवं मीन राशि वालों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। कुछ बड़ी जानी मानी हस्तियां अचानक रोगों से पीड़ित होगी एवं अचानक मृत्यु भी हो सकती है,भूकंप होगा, केन्द्र सरकार एवं कुछ राज्यों में मंत्रिमंडल में परिवर्तन हो सकता है। फसलों को नुकसान हो सकता है। नीच, दुष्ट लोगों को लाभ होगा। कोरोना महामारी बढ़ सकती है।

इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए ,इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।संक्रांति के दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है और भगवान को भी इन्हीं चीजों का भोग लगाया जाता है । महंत रोहित शास्त्री के अनुसार इस दिन शराब और मांस आदि का सेवन न करें। व्रत के दौरान दाढ़ी, मूंछ, बाल और नाखून न काटें। व्रत करने वालों को पूजा के दौरान बेल्ट, चप्पल, जूते या फिर चमड़े की बनी चीजें नहीं पहननी चाहिए। काले रंग के कपड़े पहनने से बचना चाहिए। किसी को दुख न दें। गलत काम करने से बचें। इस दिन सत्यनारायण जी,सूर्य देव और अपने इष्टदेव की पूजा का विधान है । इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाकलापों का विशेष महत्व है, इस अवसर पर दिया गया दान सौ गुना बढ़कर पुन: प्राप्त होता है।

इस संक्रांति में दान का बड़ा महत्व है। इस दिन शुद्ध घी, तिल, सरसों के तेल, फल एवं कंबल दान करने से मोक्ष प्राप्ति होती है। अगर किसी कारण गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान नहीं कर पाते हैं तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन संक्रांति पापों मुक्ति दिलाती है। इसे कुंभ संक्रांति भी कहते हैं।

अपनी राश‍ि के हिसाब से करें दान :-
फाल्गुन संक्रांति पर सूर्य देव का प्रवेश कुम्भ राश‍ि में होता है और इसका हर राशि पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आपके द्वारा किया जाने वाला दान आपकी राशि से जुड़ा हो। राशि के अनुसार आपके लिए कौन सा दान फलदायी साबित होगा,यहां जानें –

मेष राशि के लोगों को गुड़, मूंगफली, तिल,तांबा की वस्तु, दही का दान देना चाहिए।

वृषभ राशि के लोगों के लिए सफेद कपड़े,
चांदी और तिल का दान करना उपयुक्त रहेगा।

मिथुन राशि के लोग मूंग दाल, चावल,
पीला वस्त्र, गुड़ और कंबल का दान करें।

कर्क राशि के लोगों के लिए चांदी, चावल,
सफेद ऊन, तिल और सफेद वस्त्र का दान देना उचित है।

सिंह राशि के लोगों को तांबा,गुड़, गेंहू,गौमाता का घी, सोने और मोती दान करने चाहिए।

कन्या राशि के लोगों को चावल, हरे मूंग या हरे कपड़े का दान देना चाहिए।

तुला राशि के जातकों को हीरे, चीनी या कंबल,गुड़, सात तरह के अनाज का देना चाहिए।

वृश्चिक राशि के लोगों को मूंगा, लाल कपड़ा,लाल वस्त्र, दही और तिल दान करना चाहिए।

धनु राशि के जातकों को वस्‍त्र, चावल, तिल,पीला वस्त्र और गुड़ का दान करना चाहिए।

मकर राशि के लोगों को गुड़,चावल,कंबल, और तिल दान करने चाहिए।

कुंभ राशि के जातकों के लिए काला कपड़ा, काली उड़द, खिचड़ी,कंबल, घी और तिल का दान चाहिए।

मीन राशि के लोगों को रेशमी कपड़ा, चने की दाल, चावल,और तिल दान देने चाहिए।

महंत रोहित शास्त्री (ज्योतिषाचार्य) प्रधान श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट(पंजीकृत) रायपुर ठठर जम्मू कश्मीर। संपर्कसूत्र 9858293195,7006711011,9796293195.ईमेल :rohitshastri.shastri1@gmail.com

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