तक्षक नाग


कुल्लू : देवभूमि कुल्लू के अनेक स्थानों पर आज भी देवी-देवताओं के प्रतीक चिन्ह विद्यमान हैं जो दैवीय चमत्कार का प्रमाण देते हैं। कई देव स्थलों में देवता पहरेदारी की अहम भूमिका निभा रहे हैं। ऊझी घाटी के जगतसुख से सटी ऊंची पहाड़ी पर स्थित देव स्थल छिक्का में तक्षक नाग निवास कर रहे हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार तक्षक पाताल के 8 नागों में से एक हैं। कुलांतपीठ छिक्का धौम्य ऋषि की तपोस्थली रही है। मान्यता है कि प्राचीन स्थल में छिक्का देव स्थल पर धौम्य ऋषि जप, तप और पाठ करते थे।

इस स्थल के कुछ ही दूरी पर भगवान शिव पिंडी रूप में विराजमान हैं। माना जाता है कि जब महाभारत युद्ध के बाद कौरवों का विनाश हुआ तो इसके बाद पांडवों को गोत्र हत्या का दोष लग गया। इसके निवारण के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को कुल पुरोहित धौम्य ऋषि से जप पाठ करने की सलाह दी। इसके अनुसार पांडवोंं ने कुल पुरोहित को बुलाने के लिए राजदूत भेजा लेकिन ऋषि ने तपोस्थली छोडऩे से साफ इनकार किया। जिस पर भगवान श्रीकृष्ण ने तक्षक नाग की तपोस्थली छिक्का में क्षेत्रपाल के रूप में कार्य सौंपा था। कहते हैं कि तक्षक नाग महाभारत कालीन से अब तक इसी स्थान पर क्षेत्र की पहरेदारी कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *