शाबर मंत्र आम ग्रामीण बोलचाल की भाषा में ऐसे स्वयं सिद्ध मंत्र हैं, जिनका प्रभाव अचूक होता है। थोड़े से जाप से भी ये मंत्र सिद्ध हो जाते हैं, तथा अत्यधिक प्रभाव दिखाते हैं। इन मंत्रों का प्रभाव स्थायी होता है तथा किसी भी मंत्र से इनकी काट संभव नहीं है। शाबर मंत्रो का भी एक अलग विज्ञान है कुछ शब्दों का चयन इस प्रकार है जिसका कोई अर्थ नहीं होता मगर देवताओं को उस कार्य को करने को प्रेरित किया जाता है और एक दुहाई या कसम दी जाती है कुछ छिट-पुट रोगों के लिए हमने इसे आज़माया है और बिलकुल सटीक पाया है
इस साधना को करने से पेट की तमाम बीमारियों से निजात पाई जा सकती है। बदहज्मी, पेट गैस, दर्द और आंव का पूर्ण इलाज हो जाता है। इसे ग्रहण काल, दीपावली और होली आदि शुभ मुहुरतों में कभी भी सिद्ध किया जा सकता है। आप दिन या रात में कभी भी कर सकते हैं। इस मंत्र को 108 बार जप कर सिद्ध कर लें। प्रयोग के वक़्त 7 बार पानी पर मन्त्र पढ़ फूँक मारे और रोगी को पिला दें, जल्द ही फ़ायदा होगा।
मंत्र:—
ॐ नमो आदेश गुरु को शियाम बरत शियाम गुरु पर्वत में बड़ बड़ में कुआ कुआ में तीन सुआ कोन कोन सुआ वाई सुआ छर सुआ पीड़ सुआ भाज भाज रे झरावे यती हनुमंत मार करेगा भसमंत फुरो मन्त्र इश्वरो वाचा ||