टांगीनाथ धाम गुमला_झारखंड

झारखंड के गुमला जिले में #महर्षि_परशुरामजी का तप स्थल हैयह जगह रांची से करीब 150 किमी दूर हैपौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान परशुराम ने यहां शिव की घोर उपासना की थी…

त्रेता युग में जब #भगवानश्रीराम ने जनकपुर में आयोजित सीता माता के स्वयंवर में शिव जी का धनुष तोड़ा तो वहां पहुंचे भगवान परशुराम काफी क्रोधित हो गए___इस दौरान लक्ष्मण से उनकी लंबी बहस हुई और इसी बीच जब परशुराम को पता चला कि भगवान श्रीराम स्वयं नारायण ही हैं तो उन्हें बड़ी #आत्मग्लानि हुई…

पश्चाताप करने के लिए घने जंगलों के बीच एक पर्वत श्रृंखला में आ गएयहां वे भगवान शिव की स्थापना कर आराधना करने लगे मान्यता है #महर्षिपरशुराम ने यहीं अपने फरसे को गाड़ दिया थास्थानीय लोग इसे त्रिशूल के रूप में भी पूजते हैं…

भगवान शंकर के इस मंदिर को #टांगीनाथधाम के नाम से जाना जाता हैस्थानीय आदिवासी ही यहां के पुजारी हैयह मंदिर अत्यंत प्राचीन है…

आश्चर्य की बात ये है कि इसमें कभी जंग नहीं लगता__खुले आसमान के नीचे धूप छांव बरसात का कोई असर इस त्रिशूल पर नहीं पड़ता है…

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