बृहदेश्वर मंदिर : विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर (तंजावुर) में बृहदेश्वर मंदिर है। इसका निर्माण 1003- 1010 ई. के बीच चोल शासक राजाराज चोल 1 ने करवाया था। यह भव्य मंदिर राजाराज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (1004 ईस्वी और 1009 ईस्वी के दौरान) निर्मित किया गया था। लगभग 102,400 वर्ग मीटर में फैला यह मंदिर ग्रेनाइट की विशाल चट्टानों को काटकर वास्तु शास्त्र के हिसाब से बनाया गया है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़े से बने हैं।
बृहदेश्वर मंदिर अपनी वस्तुशिल्पता, ऊंचे स्तंम्भ, मूर्तिकला और भित्तिचित्रों के साथ साथ तमिल शिलालेखों के लिए भी विश्वप्रसिद्ध है। यूनेस्कों की विश्व धरोहर की सूचि में शामिल इस मंदिर की एक खासियत यह है कि दोपहर बारह बजे इस मंदिर की परछाई जमीन पर नहीं पड़ती।
इस मंदिर के सबसे बड़े स्तम्भ की ऊंचाई 200 फीट है जो उस समय में विश्व की सबसे ऊंची मानव निर्मित ऊंचाई रही होगी और मंदिर में विराजित शिवलिंग की उंचाई 12 फीट है इसके अलावा इस मंदिर के मुख्य अहाते में बनी श्रीनंदी की प्रतिमा करीब 25 टन वजनी है जो 12 फुट ऊंची और 20 फुट लम्बी है।