संकटमोचन हनुमान को कौन नहीं जानता है। बस नाम लेने भर से ही वे भक्तों के कष्ट को हर लेते हैं। ऐसी मान्यता है कि हनुमानजी ही एक ऐसे देवता हैं जिन्हें अजर-अमर माना गया है। उन्हें भगवान शिव का रूद्रावतार भी माना जाताा है। धार्मिक पुस्तकों में ऐसा कहा गया है कि श्रीराम की सेवा के लिए भगवान शिव ने धरती पर अवतार लेने की योजना बनाई लेकिन माता पार्वती द्वारा उनके वियोग न सह पाने की बात के बाद उन्होंने अपने रूप को श्रीराम की सेवा के लिए भेजने के बारे में सोचा।
काफी सोच विचार के बाद भगवान शिव ने वानर का रूप धारण करने की सोचा। ऐसा इसलिए क्योंकि वानर को न तो किसी जात-पात से कोई मतलब होता है और न ही भोजन को लेकर विशेष चिंता होती है। हनुमानजी को प्रसन्न करने के उपाय काफी आसान हैं।
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, हनुमानजी की पूजा के लिए मंगलवार का दिन सबसे लाभकारी माना गया है। हनुमानजी की आराधना से सुख-सम्पत्ति, यश और संतान की प्राप्ति होती है।
मंगलवार व्रत कथाः
प्राचीन समय की बात है किसी नगर में एक ब्राह्मण दंपत्ति रहते थे उनके कोई संतान न होने कारण वह बेहद दुखी थे। पति-पत्नी हर मंगलवार ब्राह्मण वन में हनुमानजी की पूजा करने जाते थे। वह पूजा करके बजरंगबली से एक पुत्र की कामना करते थे। उसकी पत्नी भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमानजी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी।
एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी भोजन नहीं बना पाई और न ही हनुमानजी को भोग लगा सकी। तब उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमानजी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी। वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमानजी उसकी श्रद्धा और भक्ति देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा। बालक को पाकर ब्राह्मणी बहुत खुश हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है? पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है। यह सुनकर ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका पाकर ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया।
घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि मंगल कहां है? तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण चौंक गया। उसी रात को बजरंगबली ने ब्राह्मण को सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उन्होंने ही उसे दिया है। सच जानकर ब्राह्मण बहुत खुश हुआ जिसके बाद से ब्राह्मण दंपत्ति नियमित रूप से मंगलवार व्रत रखने लगे। मंगलवार का व्रत रखने वाले मनुष्य पर हनुमानजी की अपार कृपा होती है।