जानिए भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को जीवन की कौन सी सीख दी

महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन सहित सभी पांडवों को कई ऐसी बातें बताई हैं जो आज भी हर इंसान के लिए खास है। श्रीकृष्ण द्वारा बताई बातें पर्सनालिटी डेवलपमेंट का ही काम करती हैं। महाभारत के अश्वमेधिक पर्व में श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया है कि कुछ काम हर इंसान को अपने डेली रुटीन में शामिल करने चाहिए। जो धार्मिक नजरिये से तो महत्वपूर्ण है ही नैतिक रूप से भी उन बातों का फायदा हर तरह से मिलता है।

महाभारत के अश्वमेधिक पर्व के अध्याय 106 के एक श्लोक में श्रीकृष्ण का कहना है कि हर इंसान को अपनी दिनचर्या में दान, सच और तप को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही मन पर कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने से कोई भी इंसान सफल होने लगता है और धीरे-धीरे ऐसी स्थिति में आ जाता है कि उसे कोई भी चीज परेशान नहीं कर पाती।

महाभारत के अश्वमेधिक पर्व के अध्याय 106 के एक श्लोक में श्रीकृष्ण का कहना है कि हर इंसान को अपनी दिनचर्या में दान, सच और तप को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही मन पर कंट्रोल करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसा करने से कोई भी इंसान सफल होने लगता है और धीरे-धीरे ऐसी स्थिति में आ जाता है कि उसे कोई भी चीज परेशान नहीं कर पाती।

श्लोक
दानेन तपसा चैव सत्येन च दमेन च।
ये धर्ममनुवर्तन्ते ते नराः स्वर्गगामिनः॥

  1. दान
    श्रीकृष्ण का कहना है कि जो लोग अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार समय-समय पर या रोज दान करते हैं। उन्हें स्वर्ग मिलता है। श्रीकृष्ण के अनुसार ऐसा करने से जो सुख मिलता है वो स्वर्ग के समान ही होता है। महाभारत में बताया गया है कि दान करते समय दिखावा नहीं करना चाहिए। गुप्त रुप से दान करना चाहिए। अपने दान का हिसाब नहीं करना चाहिए। दान देने के बाद भूल जाना चाहिए। ऐसे करने से ही देने का सुख महसूस होता है। इस बात को व्यवहारिक रुप से समझा जाए तो दान करने से लोगों की दुआएं मिलती हैं। जो बुरे समय से बचा लेती है।
  2. तपस्या
    श्रीकृष्ण के अनुसार तप करने से भी स्वर्ग मिलता है। यानी वर्तमान जीवन में स्वर्ग जैसा सुख मिलता है। तप से श्रीकृष्ण का मतलब मानसिक और शारीरिक मेहनत से है। इस तरह जो इंसान अपने काम को तप के साथ यानी पूरी ईमानदारी से करता है, भगवान भी उस इंसान से खुश हो जाते हैं। हर इंसान को अपने काम को तप की तरह ही करना चाहिए। यानी शारीरिक या मानसिक मेहनत हो, मन लगाकर करनी चाहिए। ऐसा करते समय तो सुख नहीं मिलेगा। लेकिन इस तरह के तप के बाद जो सफलता मिलेगी। उसका सुख सबसे ज्यादा रहेगा।
  3. हमेशा सच बोलना
    जिस इंसान में सच बोलने का गुण होता है, उसे जीवन में हर जगह सफलता मिलती है। सच बोलने वाला इंसान अगर मेहनती है तो उसे किसी के आगे झुकने की जरूरत नहीं पड़ती। ऐसा इंसान अपने व्यहार और स्वभाव के दम पर ही आगे बढ़ता है और प्रसिद्धि पा लेता है। वहीं झूठ बोलने वाले या झूठ का साथ देने वाला इंसान किसी न किसी तरह दुखी रहता है। इसलिए, हर इंसान को सच बोलना चाहिए और हर परिस्थिति में सच का साथ देना चाहिए। हर धर्म में सच को ही सबसे श्रेष्ठ बताया गया है। इसलिए हर इंसान को हमेशा सच बोलना चाहिए।
  4. मन को वश में रखना
    श्रीकृष्ण ने महाभारत में कहा है कि जो इंसान अपने मन को वश में रखता है वो ही योगी कहलाता है। ऐसा इंसान भगवान के करीब होता है। श्रीकृष्ण ने कहा है कि जीवन की हर समस्या का कारण मन ही है। जो इंसान मन को वश में रखने की कोशिश करता है वो कभी गलत रास्ते पर नहीं जाता है। मन बहुत ही चंचल होता है। इधर-उधर भटकता है। जिस इंसान का मन वश में नहीं रहता, वह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए कोई भी गलत काम कर सकता है और उसे अपनी गलती के कारण दुखी भी होना पड़ता है। इसलिए इंसान को अपने मन को वश में रखना बहुत ही जरूरी है।

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