धन―यह किसे नहीं चाहिए, मुझे क्या, आपको क्या, देवताओं को भी इसकी जरुरत होती है। इसीलिए आप सबके सामने एक ऐसा प्रयोग दे रहा हूं, ताकि आपकी आर्थिक समस्याएं हो तो वो सुलझ जाए।
।। मंत्र ।।
ॐ नमो आदेश गुरु को।
बंगाल की रानी, करे मेहमानी।
मूंज बनी के कावा, पद्मावती बैठ खावे मावा।
सत्तर सुलेमान ने हनुमान को रोट लगाया।
हनुमान ने राह का संकट हराया।
तारा देवी आवे घर।
हाथ उठा के देवे वर।
सतगुरु ने शब्द सुनाया।
किसके आसन? किसके जाप?
जो बोल्या सतगुरु आप।
हर की पौड़ी, लक्ष्मी की कौड़ी।
सुलेमान आवे चढ़ घोड़ी।
आओ आओ पद्मावती माई।
करो भलाई, न करो तो महादेव की दुहाई।
यह मंत्र स्वयं सिद्ध है बस रोज 108 बार इसका जाप करना है आप स्वयं आश्चर्यचकित हो जायेंगे इसके प्रभाव देखकर। शाबर मन्त्र में यही एक ऐसा मंत्र है जिसमे समस्त देव शक्तियों का सायुज्यकर्ण किया गया है लक्ष्मी तारा पद्मावती धन से सम्बन्ध…. हनुमान जी रस्ते की समस्त संकट को मिटा देते है ताकि आपके पास धन को आने में कोई व्यवधान न हो…. सत्तर सुलेमान सातों द्वार को खोल देते है….. हर की पौड़ी का मतलब दैवीय कृपा से है….. लक्ष्मी की कौड़ी से स्वर्ण व गढ़े हुए खजाने से है….. और भगवती तारा स्वयं पद्मावती को खाना खिलाती है और दोनों एक साथ सीधा आपके घर आके आपको लक्ष्मीवन होने की वरदान देती है।
सांसारिक जीवन में समृद्धि व सफलता के लिए धन की चाहत अहम होती है, जिसे पूरा करने के लिए धर्म और कर्म दोनों ही तरीकों से जातक कुछ न कुछ करता रहता है। वक्त और कर्म को अहमियत देने वाला धन पाने का पात्र बनता है। मंत्रों का पाठ करने से अनेक प्रकार की संवेदनाएं व्यक्ति के मस्तिष्क को प्रभावित करती है। धन हर मन का अरमान होता है, धन में बढ़ौतरी करने के लिए निम्न मंत्र का प्रतिदिन 41 दिन तक 108 बार पाठ करें। अगर कोई व्यक्ति पाठ करने में असमर्थ है तो वो पाठ को सुन भी सकता है।