मन्दिर ईतना बड़ा है कि पूरा मन्दिर किसी कैमरे में कैप्चर नहीं हो सकता, इसे दर्शन मात्र से लगता है स्वर्ग में आ गये हों..
हमारे जितने भी पुराने मंदिर हैं उनको बनाना इंसानों के बस की बात नहीं थी जरूर इसे स्वयं विश्वकर्मा भगवान ने बनाया होगा..
आधुनिक ईतिहास जिसे प्राचीन भारत का पेरिस कहते है,रामायण काल मे देवराज इंद्र के पुत्र बाली की किष्किंधा नगरी कहलाती थी आज हम हम्पी ( कर्नाटक ) के नाम से जानते है
बाबा विश्वकर्मा के चरणों में नमन और सभी हिन्दुओं को इस त्योहार कि हार्दिक शुभकामनायें..🙏🚩🚩
विरुपाक्ष शिव मन्दिर, हंम्पी-कर्नाटक
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