रमेश कुमार जोगी कारक गायक

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महिमा कुलदेव जी की आप को शुरू से ही अपने कुल्देवाताओं के प्रतिजागरूक करता आया है और हमारी यही कोशिश है की हम आप को अपने डुग्गर देश केसभी कुल्देवाताओं के प्रति अधिक से अधिक जानकारी दी जाये। क्यों की आज बहोतसारे ऐसे परिवार हैं जिन्हें अपने कुल्देवाताओं का पता नहीं है और वह अपनेजीवन में अनेक परेशानियों का सामना कर रहे हैं। बतादें की आज के समय मेंअगर आप जिस मर्जी इष्ट,भगवन,गुरु पीर की भक्ति कर लो परन्तु अगर आप काकुलदेवता आप से रुष्ट है तो आप के जीवन में अनेक समस्याएं उत्पन होगीं जिनका समाधान केवल कुलदेवता द्वरा ही निकला जा सकता है। इस लिए आप जब भी  भजनकीर्तन साधना करें अपने कुलदेवता का नाम जरुर ले। हम आप को यकीन दिलाते हैंकी कुलदेवता को मानाने से आप के जीवन ने आ रही समस्याए , बदाओं का जरुरनिपटारा होगा।

आज हमारे जम्मू कश्मीर की अगर बात की जाये तो बहोत  सारे कलाकार हैं  चाहे कोई गाना गाता हो या कोई भजन गाता हो बहोत सारों  ने अपना नाम देशविदेशों में कमाया है। लकिन अगर अपने जम्मू कश्मीर के डुग्गर समाज की बातकी जाये तो राजा महाराजाओ से भी पहले शुरुआत जो की हमारे कुल देवी देवताओसे हुई थी लकिन बहोत सारे लोग उन्हें भूल चुके हैं। उन कुल्देव्ताओ कासंगीत के माद्यम से बहोत सारे नाथ जोगी आज देवताओं का आवाहन कर रहे हैं औरउन के इतहास के प्रति लोक गीत कारक गा कर देवी देवताओ का प्रचार कर रहेहैं।

आज हम आप को एक ऐसे कलाकार के रूबरू करवाने जा रहे हैं जिन्होंने सातवर्ष की आयु में देवी देवताओं के साथ लगाव हो गया था और तब से एक मन बनालिया की मुझे अपने डुग्गर देश के देवी देवताओ का प्रचार करना है और विश्वके हर कौने में अपने कुल्देव्ताओं के प्रति लोगों को जागरूक करना है बतादेंकी बहोत सरे कलाकार हैं जो कुल्देवाताओं की कारके गा रहे हैं लकिन उन मेंसे उबरते हुए कलाकार रमेश कुमार जोगी जो की आज डुग्गर समाज की पसंद बन गएहैं जिन हर कोई सुनना चाहता है।

रमेश जोगी पुत्र स्वर्गीय श्री कर्म चंद निवासी गावं नड्डी मीरां साबतहसील आर.एस.पूरा जिला जम्मू राज्य जम्मू कश्मीर जो की उस परिवार से तलूकरखते हैं जो की सदियों से कुल्देव्ताओं के साथ जुड़े रहे हैं, जोगी परिवारकी बात की जाये तो यह वह शख्सियत हैं जिन के अवहान करने से कुलदेवता दौड़ेचले आते हैं। रमेश जोगी भी उसी परिवार से हैं, रमेश जोगी जी से जब शुरुआतमें पूछा गया की आप का शुरआती भविष्य केसे शुरू हुआ उन्होंने बताया की मेंसात वर्ष की आयु में कुल्देव्ताओं के साथ जुड़ गया था और गाना बजाना सब शुरूकर दिया। मेरे पिता जी दादा जी पड़ दादा जी,लकड दादा जी हमारी सात पीडी तकवह सभी नाथ जोगियों का कार्य करते थे नाथ जोगी वह होते हैं जो अपने ढोल कीथाप से लोक गीत कारक गा कर देवतओ का आवाहन करते थे जहाँ चेले में देवतापरवेश लेकर हजारी करता था। मेरा पूरा परिवार यही कार्य करता था और में भीइसी तरह अपने दादा जी के साथ या पिता जी के साथ लोगों के घर जाया करता थाऔर यह सिलसिला चलता रहा और में भी इसी प्रकार से चेलों को उन के देवस्थानों पर जा कर चोकियाँ करवाता रहा।

घर से गरीब थे कोई साधन नही था कमाने का बस यह लोगों के घर चोकी करवाईतो ख़ुशी से जिस ने जो दिया सवीकार कर के वापिस लौट आये यही सब चलता रहा।मुझे गाने बजाने का बहोत  शौक था और आर्थिक स्थिति भी कम्जौर थी गरीबपरिवार था परिवार की तरफ से कोई सहयोग  नहीं था की में आगे निकालू उस कामुख्य कारण यह था की बड़ी मुशिकल से घर का कार्य चलता था। जब में 15 वर्ष कीआयु में पहुंचा तो मेरे पिता जी का देहांत हो गया वह इस दुनिया से चल बसेऔर उस के पांच वर्ष बाद माता जी भी चल बसी और तीन भाई और दो बहनों का साथऔर पुरे घर की जिमावारी मेरे कंदों  पर आ गई अब क्या करना था  उन सब काविवाह भी करना था किसी तरह में  अपनी कमाई या जेसे तेसे कर के  उन सब काविवाह करवाया।

उन्होंने बताया की एक दिन मुझे पता चला की जम्मू के रेडियो स्टेशन मेंकिसी प्रतियोगिता को  लेकर ऑडिशन चल रहे हैं जहाँ पर जम्मू के युवा भाग लेरहे हैं मुझे भी किसी ने बताया और में चला गया ऑडिशन का 33व स्थान  मेरा थाजब मेरे नाम की घोषणा की गई में  चला गया और वहां पर जो जज थे वो हरीशकेला जी थे उन्होंने कही मुझे देखा था कारके  गाते हुए में वहां स्टेज पर  गाना गाने लगा तो उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा बेटा तुमे कोई देवीदेवताओ का  लोक गीत कारक आती  है वो सुनाओ में खुश हुआ मेने कहा जी बिलकुलआती  है  तो उन के मुह से निकला की तुम हमे बाबा कलिवीर सुनाओ तो मेरे मनमें इतनी ख़ुशी हुई और मुझे इतना जोश आ गया ऐसा लगा जेसे सब कुछ मिल गया हो  में बाबा कालीवीर जी की कारक गाने  लगा और वह खुश हो गए और मुझे वहां परउन्होंने  सेलेक्ट कर लिया की और कहा की बेटा  आज से रेडियो स्टेशन में तुमगाओ गे। तब से लेकर लगातार 6 वर्षो तक में रडियो स्टेशन में कुल्देव्ताओकी कारके गता रहा।

6 वर्ष तक लगातार गाने के बाद मेरा  जम्मू से पंजाब की और जाना हुआवोईस लिए की मुझे वहां पर कुछ करना है और जम्मू में कमाई का कोई साधन नहींहै वहां पर कुछ करुगा और चला गया  जहाँ पर मेरी भेंट रमेश बटालवी जी से हुईजिन का रेड रोज  मुजिक ग्रुप के साथ जुड़ने का मोका मिल गया  और उनके साथगाने लगा और कभी कभी मोका मिले तो साज भी बजने लगा क्यों की गायकी के साथसाथ में सभी साज भी बजा लेता हूँ । लम्बे समय तक मेने उन के साथ काम कियाजिस में पंजाब के बड़े बड़े कलाकारों से भेंट हुई। एक दिन मुझे रमेश बटालवीजी के कहा की बेटा आओ मेरे पास उन्होंने मुझे अपने पास बैठाया और कहा सुनो  अब मेरी उम्र बहोत हो गई है तू एक काम कर तू गता बहोत सुंदर है तू अपना एकऑडियो रिकॉर्ड कर ले जब यह बात मेने सुनी और कहा की मेरे पास तो पेसे भीनहीं हैं में केसे करुगा तो उन्होंने कहा रमेश  तू चिंता मत कर तेरा कोईपैसा नहीं लगेगा। वहां पर उन्होंने बटाला में अपने ही  स्टूडियो में मुझेले गए और मुझे कहा की क्या गायेगा तब मेने कहा की एक कारक गाऊंगा जो मेनेगई थी  जम्मू के शहीदी स्थल है  “दाता गखड” देव स्थान में  तो मेने उन की  एक कारक गई वहां से वह ऑडियो लेकर उन्होंने  मुझे भेज दिया की जाओ इस कीकॉपयाँ करवा लो। में वहां से चला आया वापिस जम्मू।

जम्मू पहुँचने पर ठीक दो दिन बाद में वो ऑडियो लेकर चला गया जम्मू कीप्रसिद ऑडियो विडियो रिकॉर्ड (पिसीआई) कंपनी में वहां  मेने बात करी  कीमुझे अपनी ऑडियो कैसेट बनवानी हैं तो यह मेरी ऑडियो है तो आप 60 डॉ 70 कापीबना दो तो उन्होंने मुझे वहां बेठने को बोला में बेठ गया दो घंटे बीत गएमेरी और किसी ने ध्यान ही नहि दिया फिर दो से तीन घंटे बीत जाने  के बादकंपनी का एक कर्मचारी मेरे पास आया और पूछा क्या काम है तो मेने बताया कीऐसा ऐसा मुझे ऑडियो कॉपी करवानी है मेने काफी समय से बोला है लकिन अभी तकबताया नहीं किसिस ने। उनहोने  कहा दो हमे में देता हूँ अंदर वह लेकर चलागया वहां पर उस ने जब वो ऑडियो प्ले की तो उस बन्दे को वो कारक सुन कर चोकीशुरू हो गई बाकि के कर्मचारियों ने उसे देख कर तुरंत कंपनी के मालिक कोबुलाया और कहा यह देखो इसे क्या हो रहा है इतने में वो ऑडियो भी चल रहा थातो मालिक ने पूछा भाई  यह कौन लेकर आया है कर्मचारियों ने बताया की यह कोईबहिर बंदा बेठा है उस ने लाया है मालिक ने कहा उसे अंदर बुलाओ में अंदर गयाऔर मुझे पूछा  की यह किस ने गाई है कारक तो मेने कहा जी मेने गाई है मालकिने कहा आछा और क्या क्या गा सकते हो मेने कहा की कुछ भी मालिक ने कहाअच्छा एक काम करो तू बाबा कलिवीर गा सकते हो गाओ वो हमारे कुलदेवता है तोमेने कहा इस में कौन सी बड़ी बात है लो में सुना देता हूँ मेने वहां  पर 10 मिनिट तक बाबा कालीवीर जी की कारक उन्हें सुनाई और वह प्रसन हो गए तोउन्होंने कहा रुको अभी फिर से गाना में मुजिक में मेने कहा जी ठीक है तोकंपनी के मालिक ने सभी साज बजने वालो को बुला दिया और स्टूडियो में बेठादिया और मुझे कहा करो शुरू मेने बाबा कलिवीर जी की कारक गाना शुरू की गातेगाते सुबह हो गई जब समाप्त हुई तो उन्होंने कहा यह लो तुमने जो हमे कापीकरने को बोला था हम ने कर दी है और पेसे भी  रहने दो में खुश हो गया और चलाआया वापिस घर।

दो से तीन माह बीत जाने के बाद जम्मू के दोमाना में बाबा जित्तो जी काझिडी मेला था में वहां पर अपने परिवार सहित  चला गया वहां पर मेरी नजर एककैसेट स्टाल पर पड़ी और सुना वह पर जो मेने कारक गई थी वो बज रही है , तोमेरे मन में यह आया की यह तो आवाज मेरी है यह कहा पर यह बज रही है तो मेंउस स्टाल वाले के पास गया और कहा की यह जो बंदा गा  रहा है आप के पास केसेआई केसेट तो उस ने कहा तुझे पता नहीं यह पहली केसेट निकली है बाबा कलिवीरजी की और लोग खूब खरीद रहे हैं और यह पिसीआई कंपनी  वालो ने निकली है उन सेमेने पूछा  की एक मुझे भी दे दो और क्या धाम है स्टाल वाले ने कहा 20 रुपेधाम है और यह लो जब मेने वो केसेट ली और उपर देखा की फोटो मेरी लगी है तोमेने उसे फिर पूछा की भाई सब यह फोटो तो मेरी लगी हुई है तो उस ने आगे सेकहा जा यार तेरी शकल का कोई और नहीं हो सकता क्या तेरे जेसे यहाँ बहोत आतेहैं। में वहां से यह बात सुन कर केसेट लेकर वापिस घर आ  गया उस समय जो टेपरिकॉर्ड होते थे उन की केसेट होती थी। ठीक दो से तीन दिन के बाद में जबजम्मू पीसीआई कंपनी में वो केसेट लेकर गया तो वहां मालिक से जब भेंट हुई तोमालिक ने कहा अरे भाई शुकर भगवन का तू वापिस आ गया कहा चला गया था तू तीनमाह से हम तुजे धुंडते फिर रहे हैं कहा चले गए थे मेने कहा कही नहीं मेनेआप को अपना पता भी बताया था वह मालिक कहने  लगे की हम ने तेरी यह ऑडियोकेसेट तैयार कर के मार्किट में उतार दी और अभी तक तीन लाख रुपे से भी जायदालोगों  ने खरीद ली है और डिमांड भी बहोत  है। यह में सुन कर दंग रह गयामुझे समज में नहीं आया यह हुआ क्या में क्या सुन रहा हूँ  मेरी आँखों सेआंसू  निकल गए।

तो मुझे कंपनी मालिक ने कहा क्या हुआ तू गबरा मत यह तो शुरुआत थी अबदेख आगे क्या होता है तो वहां पर पीसीआई ने मुझे फ्री में कुल्देव्ताओ कीकेसेट रिकॉर्ड करने का मौका दिया तो मेने सब से पहले बाबा कलिवीर उस के बादराजा मंडलीक,बाबा बिर्फा नाथ,बाबा सिद्ध गोरिया,माता मल्ल  देवी,बाबासुर्गल,बाबा जित्तो,राजा पेड देवता और बाबा भेरव नाथ जी की कारके रिकॉर्डकी हैं जिन्हें आज जम्मू कश्मीर में  क्या पुरे भारत देश के साथ साथकुल्देव्ताओं को मानने वाले विदेशों में बेठे कुल्देव्ताओ के भक्तो द्वरासुनी जा रही हैं।

इस के बाद आगे का सफ़र शुरू हुआ रमेश जोगी जी ने बताया की वेसे तो मेनेघरों में मंदिरों में बहोत सारे  जागरण कीर्तन किये जहाँ में गाता रहा औरएक दिन मुझे एक विशाल जागरण का नियोता मिला मुझे एक नंबर से फ़ोन आया की आपरमेश जोगी बोल रहे हो तो मेने कहा जी बोलो कहा हम जोड़ियाँ से बात कर रहेहैं हमे आप का जागरण करवाना है मेने कहा जी बिकुल ठीक है उन्होंने कहा हमआप से मिलना चाहते हैं तो मेने उन्हें जम्मू में बुला लिया वहां पर हमारीमुलाकात हुई शनि देव सेवा समिति के प्रधान अभिषेक गुप्ता से और उन के साथदो और लोग थे उन्होंने मुझे कहा की इस तारीक  को हमारे वहां आप ने जागरणकरना है तो मेने उन्हें हां कर दी जी तो उन्होंने पांच हजार रुपे मुझे दिएऔर कहा की आप से बात पक्की हो गई और  इस तारीक  को आ जाना मेने वह उन सेबात पक्की कर ली मेरे मन में ख़याल आया की होते  रहते हैं जागरण कौन सी बड़ीबात है जब वो दिन आया में अपने साथियों के साथ जौड़ियाँ चला गया  जब वहांपहुंचा तो हेरान रह गया एक विशाल मैदान में हजारो की संख्या में लोग आ रहेथे और बहोत  बड़ी स्टेज और दरबार लगा हुआ था और जागरण कुलदेव का क्यों कीअक्सर लोग यही कहते थे की माता रानी का जागरण करवाना है तो यह पहला मौका थाकी कोई कुलदेव का जागरण करवा रहा है वहां  पर मेने देखा बड़े बड़े फ्लेक्सबोर्ड लगे हुए थे जहाँ कुल्देव्ताओ के निचे मेरा फोटो लगा हुआ था और लिखाथा की कुलदेव विशाल जागरण तो मेंने अपने मन में सोचा की क्या बात हैकुल्देव्ताओं का इतना बड़ा जागरण करवा रहे हैं में माथा टेक कर जब मुझेस्टेज पर बुलाया गया तो मेने देखा अनगिनित लोग बेठे हुए थे मुझे सुनने कोजिन में से 400 से 500 के बीच कुल्देव्ताओ के धयाले और चेले थे जब मेनेप्रणाम कर के गाना शुरू किया तो बहोत सरे चेलों को कुल्देव्ताओं की चोकीशुरू हो गई वहां पर ऐसा व्यतीत हो रहा था की मानो कुल्देव्ताओं का अव्काहनहो गया हो वह सब पदार आये हैं यह देख कर मन में बहोत प्रसंता मिली और मुझेऐसा लगा में हवा में उड़ रहा हूँ। उस समय मुझे शनि देव सेवा समिति ने समानितकिया। यह जागरण मेरी जिंदिगी की शुरुआत थी जिस से मुझे लोग द्वरा बहोत बड़ीअहमित देने लगे और में प्रसिद्ध हो गया। मुझे जो पहचान मिली वो इस जागरणसे मिली और विश्व में सब से पहला जागरण यह  जो की जोड़ियाँ में हुआ जिस मेंमुझे चुना गया। मेरी  पहचान इस जागरण से बन गई और में आप को बता दूँ की ऐसाजागरण न कभी हुआ था और न कभी हुआ वो इतहासिक जागरण हुआ  इस जागरण के बादमुझे अनगिनित  जागरण करने का मौका मिला जिस में 10 जागरण एसे थे जो बड़े बड़ेमैदानों में हुआ विशाल जागरण जिन के बारे में मेने भी नहीं सोचा था जिनमें बाबा सिद्ध गोरिया जी का पवन दरबार सिद्ध सवंखा जहाँ प्रति वर्ष   लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं वह पर भी मौका मिला और मेने जागरणकिया । और शनि देव सेवा समिति ने यह निर्णय लिया की प्रति वर्ष अप्रैल माहमें कुलदेव जी का विशाल जागरण रमेश जोगी द्वरा ही किया जोड़ियाँ में कियाजायेगा।

बाबा कलिवीर जी कहते हैं ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

तू करता वही है जो तू चाहता है, होता वाही है जो में चाहता हूँ ।

तू कर वही जो में चाहता हूँ , फिर होगा वही जो तू चाहता है।

यह दो लाइने जब मेने सुनी और में समज गया की उन कुल्देव्ताओं ने मुझेरंग दिया है मेने कभी अपने जीवन में सोचा नहीं था की एक जोगी परिवार काछोटा सा सदस्य आज इस मुकाम पर पहुँच जायेगा और आज में जो भी हूँ वो बाबाकलिवीर जी महराज की कृपा से हूँ उन्होंने मेरे जीवन में जो मेरे साथ खेलखेला है वो आप सब के सामने है और आज मुझे एक प्रसिद्ध कलाकार बना दियाहमेशा लोग हमे यह समजते हैं की यह बजाइए हैं इन का काम चोकिय करवाना हैलकिन आज बाबा कलिवीर जी ने अपने रंग में ऐसा रंग दिया की मेरे कारकेकुल्देव्ताओं की लोग देशो विदेशो में सुन रहे हैं और आज विश्व मेंकुल्देव्ताओं का प्रचार हो रहा है। बाबा कलिवीर जी ने मुज पर कृपा की औरमें पहला जोगी बिरादरी का बीटा हूँ जो इस मोकाम पर पहुंचा हूँ और लोग मुझेजान रहे हैं।

इस के बाद एक बहोत बड़ा अवार्ड शो हुआ  जो की जम्मू के गांधी नगर मेंहुआ जहाँ पर जम्मू कश्मीर के विभिन्न कलाकारों गायकों को समानित किया जानाथा उस शो में से कुल 250 गायक थे और उन 250 गायकों में से प्रथम स्थान मुझेरमेश जोगी को दिया गया और वो सब बाबा कलिवीर जी की बदौलत और गुरु महाराजजी के आशीर्वाद से संभव हुआ और सभी कुल्देव्ताओ का हाथ सर पर रहा नहीं तोमेरी कोई ओकात नहीं थी में इस काबिल था। एक समय ऐसा था की लोग मुझे पहचानतेनहीं थे मुझे हमेशा नजर अंदाज किया जाता था की में जोगी बिरादरी से हूँलकिन कहते हैं की जब उस मालिक का रंग चढ़ जाये तो असंभव से संभव सब हो सकताहै और वो कुलदेवता श्री बाबा कलिवीर जी ने कर दिखाया और आज में जहा सेनिकालता हूँ जिस गली मोहल्ले शाहर से तो लोग कहते हैं वो देखो रमेश जोगी जारह है और मेरे साथ फोटो खिचवाते हैं और मुझे फक्र होता है की बाबा जी नेमुझे कहा से कहा पहुंचा दिया।

“काली ते कालीवीर कहोंदा वीरे ते वीर कहौंदा जी,हक़ नया दी खातिर लड़दा सच्चे की ऊँगली लौन्दा जी”

नेचे दे फल देनदा बावा जे कोई नेचा करदा जी अनेयाँ नु लोइयां गुन्गेयाँ नु जेवा दुखियां दे कष्ट ओ हरदा जी”

जेडा तेरी सेवा करदा आपु तारे कुल तारी जी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

आगे के सफ़र में उन्होंने अपने जीवन में कुल्देव्ताओं के प्रति बोहतसारी  घटनाओ से रूबरू करवाया उन्होंने कहा की एक बार में दलेर मेहंदी पंजाबगायक के साथ बंकोक में शो के दौरान गया जहाँ पर जम्मू कश्मीर के साथ साथविभिन्न राज्यों से भी लोग गए हुए थे वहां पर शो के बाद कुछ लोग मेंरे पासआये और मुझे कहा की आप कोई कारक हमे सुनाओ मेने वह बाबा कलिवीर जी की कारकसुनाई और वह पर भी कुछ लोगों को चोकी हो गई, इस के साथ पंजबी में मेनेमुख्मंत्री द्वरा करवाए गए एक समेलन में भी भाग लिया जहा अपर अपने डुग्गरके महंत बाबा जित्तो जी की प्रस्तुति कर के कारक गई जहाँ पर वो खुश हो करउन्हने समनित किया, इस के साथ उन्होंने कहा मेरे भेंट पंजाब के बड़े बड़ेगायकों से हुई मस्टार सालीम ,पूरण शाह कौटी जी,साबर कोटि,लखविंदरवदली,गुरदास मान जी समेत अन्य बड़े गायक शामिल हैं।

इस के साथ उन्होंने अपनी एक एहम बात बताई की में बीते 32 वर्षों सेमीरा सब से पैदल यात्रा लेकर वैष्णो देवी जाता हूँ जब शुरू में गया था तब 6 लोग जाते हैं अब 250 लोग जाते हैं तब में 20 रुपे किसी से उधार लेकरवैष्णो देवी के दरबार में गया था और आज माता रानी की और बाबा जी की रहमत हैजो यहाँ  पहुँच गया।

आखिर में उन्होंने बताया की यह मेरे जीन की पूरी कहानी है की रमेश जोगीक्या था और आज क्या है इस के साथ में आप को बतादूँ की हम परिवार के चारसदस्य हैं में मेरी पत्नी और मेरी दो बेटियां और मेरी बेटियों को मुझे परगर्व है और मुझे अपनी बेटियों पर की आज वह जहाँ भी जाते हैं सब उन्हें कहतेहैं यह गायक रमेश जोगी का परिवार है और में कुल्देव्ताओ का शुकर गुजार हूँकी उन्होंने मेरी झोली में दो फूल जेसे बेटियां डाली क्यों की आज जोबेटियां कर सकती हैं वह बीटा भी नहीं कर सकती इस लिए उन्होंने बेटियों केमाद्यम से पुरे संसार को सन्देश दिया की बेटियों को अपने बेटो से भी बड परसामान दो क्यों की जिस माँ ने आप सब लाल हो आखिर वो माँ भी एक किसी की बेटीथी।

 यह थी रमेश जोगी की आप बीती की वह किस तरह से अपने जीवन में उतरावचदाव के बाद आज इस मुकाम तक पहुंचे। इस से साफ़ जाहिर होता है की कुलदेवताअगर किसी पर मेहरबान हो जाये तो वो कख से लाख बना देता है और अगर रुष्ट होजाये तो लाख से कख भी बना देता है इस के कई उधरान आप सब के सामने हैं, इसलिए हम आप से यह अनुरोध करते हैं की अपने कुल्देव्ताओं को जरुर माने और उनका प्रचार करे।

यह सारी कहानी लेखक द्वरा महिमा कुलदेव जी की चैनल के माद्यम से रमेशजोगी जी के साथ हुई और उस को आप सब के सामने रखा लेखक के साथ भी कुछ एसीघटनाये घटित हुई हैं जिस देख कर लेखक के मन में ख़याल आया की वह रमेश जोगीजी के बारे में जाने क्यों की लेखक भी अपने कुलदेवता बाबा कलिवीर जी के साथतब जुड़ा था जब उन से पहली बार बाबा कालिवीर जी की कारक सुनी टी और जी रमेशजोगी द्वरा गई थी उस के बाद लेखक ने एक ठान ली थी की एक दिन इस गायक कोमिलेगा और उस के जीन के इतहास पर कुछ लिखे गा और वो सपना आज बाबा कलिवीर जीने पूरा कर दिया और इस जीन गाथा में बता दिया की बाबा जी कीस प्रकार सेपाने बच्चों के अंग संग रहते हैं , आप को बतादें की भजन गाना और गाने गानाआसन है लकिन कारक गाना बेहत मुश्किल है तो कुलदेवता की कृपा के बिना असम्बवहै और एक बात आप को हेरान कर देने वाली है की यह रमेश जोगी जितनी भी कारकेगाते हैं वह खुद लिखते हैं और उन से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा यह मुझेभी नहीं पता की केसे लिखता हूँ यह सब बाबा कलिवीर जी साथ हो कर लिखवाते हैंऔर में लिखता जाता हूँ और गाता जाता हूँ जब में स्टेज पर जाता हूँ तो  मेरे आग संग रहते हैं में काई घंटो उन की कारक गाता हूँ।

अगर आप को यह सब जान कर ख़ुशी हुई तो आप समज गए की कुलदेवता अगर चाहे तोवो क्या से क्या कर सकते हैं यह पूरी गाथा रमेश कुमारी जोगी से हुई जो आपसभी दर्शकों के सामने हम ने प्रस्तुत की है।

लेखक द्वरा लिखे गए इस पुरे एपिसोड में अगर कोई गलती हो गई हो या किसीके मन के ठेंस पहुंची हो तो माफ़ कर देनाजी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

जय माँ काली, जय गुरु गोरख नाथ जी, जय राजा मंडलीक जी,जय बाबा कलिवीर जी,जय बबनार सिंह जी ,

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