सावन का महिना भगवान भोलेनाथ का माना जाता है कहते है की अगर सच्चे मन से जो मांगे भोलेनाथ उसे जरुर पूरा करते है । वही भोलेनाथ अलग अलग रूप में विराजमान है कई शिवलिंग तो ऐसे है जो अदभुत है। ऐसा ही भदोही जिले के गोपीगंज तिलंगा का तिलेश्वर नाथ मंदिर का शिवलिंग है जिसकी मान्यता है कि इसे पांडवो ने अज्ञातवाश के दौरान स्थापित किया था और यह शिवलिंग साल में अपने तीन रूप बदलते हैं। मान्यता है की गंगा के किनारे बने इस मंदिर में जो भी मनौती मांगी जाये वह पूरी होती है ।
यहां के पुजारी रमाकांत मिश्र बताते हैं कि मान्यता है कि महाभारत के समय पांडवो ने अपने अज्ञातवाश के समय गंगा में स्नान करने के बाद तिलंगा नाम की जगह पर इस विशाल शिवलिंग को स्थापित किया था । तब से यह शिवलिंग आस्था का केंद्र बनी है । यहाँ दूर से दर्शनार्थी भोलेनाथ की महिमा को देखने आते है । सबसे अदभुत होता है कि इस शिवलिंग के रंगों क स्वरूप बदलने का राज। सावन में शिवलिंग गेहुए रंग की हो जाती है , ठंडी में काले तो भीषण गर्मी में शिवलिंग में सफेदपन आ जाता है। तीनो रंग आपस में मिलते जुलते हैं।
वाराणसी इलाहबाद हाईवे के नजदीक गोपीगंज में यह मंदिर है पुरे सावन के महीने में इस मंदिर पर दर्शनार्थियों की भारी भीड़ जुटती है । दर्शनार्थी दूर दूर से यहां आते है यहां प्रमुख तौर से बेलपत्र चढ़ाया जाता है और दूध से अभिषेक किया जाता है । लोगो की मान्यता है की अगर सच्चे मन से यहाँ भोलेनाथ से जो भी माँगा जाये वह पूरा होता है ।
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