ॐ जय श्री गोगवीर हरे बाबा जय गोगा वीर हरे
गोगा धाम विराजत अनुपम रूप धरे
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे ……………
रतन जड़ित सिहासन,सर पर चवर धरे
तन केसरिया बनो , कुंडल शरवन पड़े
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे ……………
गले म सर्पो कि माला सर पर मुकुट धरे
खेवत धुप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे ……………
लापसी खीर चूरमा सुर्वण थाल भरे
पंडित नरसिंह भोग लगावत भज्जू सेवा करे
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे ……………
झाझ कटोरा और धड़ियाल संख मृदंग धरे
भगत आरती गावे जय जय कर करे
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे ……………
जो धावे फल पावे सब दुख से उबरे
सेवक जन निज मुख से गोगा गोगा उचारे
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे ……………
श्री गोगवीर कि आरती जो कोई नर गावे
कहत नाहरसिंह पांडे मनवांछित फल पावे
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे ……………
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे बाबा जय जहावीर हरे
निज भगतो के तुमने पूर्ण काम करे।
ॐ जय श्री गोगा वीर हरे बाबा जय गोगा वीर हरे
मेडी धाम विराजे गोगा धाम विराजे अनुपम रूप धरे