यह मंत्र अंत्यंत दुर्लभ है साथ में इसका प्रभाव बहुत ही जल्दी होता है। ये मंत्र एक प्रकार का शाबर मंत्र है। इसका उपयोग करने से किसी साधक के घर में धन धन्य की वृद्धि होती है । उसके पास किसी भी चीज की कमी नहीं रहती है। बस इस मंत्र के सच्चे मन से करे , मन में किसी भी प्रकार का मेल न रखे , पूर्णतय शुद्ध होकर ही इस मंत्र का जाप करे तथा नियमो का पालन करे जैसा की पोस्ट में बताया गया है।
मंत्र:-
ओम काली काली महाकाली।
बर्मा की बेटी इंद्र की साली।
हाथ में छड़ी मशान में खड़ी।
चले चले, देव चले देवता चले
नर चले नारी चले, किया कराया।
भागे 360 कोसदूर धन ,धान्य, ।
रिद्धि सिद्धि आंगन विराजे।
माता काली की कृपा बरसे।
मित्र बढे कटे दुश्मन।
माता काली के साथ ।
कौन-कौन चले।देव चले।
दानव चले पितृ चले गोत्र चले,।
दाए हनुमान चले।
बाये भैरव चले, चले।
रे चले महाकाली।
मेरी भक्ति गुरु की।
शक्ति देखु मां काली।
तेरे इल्म की शक्ति।
दुहाई गुरु गोरखनाथ की।
दुहाई गुरु मछिंद्रनाथ की।
शब्द साचा फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा।
यह महाकाली का गुप्त मंत्र है।
विधी:——– कनेर की 1 इंच लकड़ी को। 108 बार अभिमंत्रित करके। अपने अनाज में रखें। धन और धान्य की वृद्धि होगी।