- जन्म ग्रहण करती हुई कन्या #शैलपुत्री”* स्वरूप है !
- कौमार्य अवस्था तक * #ब्रह्मचारिणी “* का रूप है !
- विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह *#चंद्रघंटा ” समान है !
- नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह #कूष्मांडा”* स्वरूप है !
- संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री
स्कन्दमाता”* हो जाती है !
- संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री
कात्यायनी ” रूप है !
- अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह #कालरात्रि जैसी है !
- संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से #महागौरी ” हो जाती है !
9 धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार मे अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली #सिद्धिदात्री ” हो जाती है !
हर स्त्री अपने आप मे कहीं न कही माँ जगदम्बे का प्रतिबिंब है।
नारीशक्ति में विराजमान माँ जगदम्बे को हमारा प्रणाम है।
🌹🌹नव दुर्गा माता जी की कृपा आप सब पर बनी रहे 🌹🌹
🌹🌹 शारदीय नवरात्रि की आप सब को
बहुत बहुत बधाई तथा शुभ कामनाएँ 🌹🌹