पितृ दोष

👉इन 16 कारणों से लगता है पितृ दोष…!

प्रत्येक मनुष्य की इच्छा रहती है कि वह एवं उसका परिवार सुखी एवं संपन्न रहे । मनुष्य को अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए देवी – देवताओं के साथ – साथ अपने पितरों का भी पूजन करना चाहिए ।

👉आइए जानते हैं… पितृ दोष क्यों , कैसे तथा कब होता है…?

👉1. पितरों का विधिवत संस्कार श्राद्ध न होना ।

👉2. पितरों की विस्मृति या अपमान करना ।

👉3. धर्म विरुद्ध आचरण करना ।

👉4. वृक्ष फल लदे हुए,पीपल,बेल,वट वृक्ष इत्यादि कटवाना ।

👉5.नाग की हत्या करना,कराना या उसकी मृत्यु का कारण बनना ।

👉6.गौहत्या या गौ का अपमान करना ।

👉7. नदी,कूप,तड़ाग या पवित्र स्थान पर मल-मूत्र विसर्जन करना ।

👉8. कुल देवता,देवी,इत्यादि की विस्मृति या अपमान करना ।

👉9.पवित्र स्थल पर गलत कार्य करना ।

👉10.पूर्णिमा,अमावस्या या पवित्र तिथि को संभोग करना ।

👉11. पूज्य स्त्री के साथ संबंध बनाना ।

👉12. निचले कुल में विवाह संबंध करना ।

👉13.पराई स्त्रियों से संबंध बनाना ।

👉14. गर्भपात करना-कराना या किसी जीव की हत्या करना या कारण बनना ।

👉15. कुल की स्त्रियों का अमर्यादित होना ।

👉16. पूज्य व्यक्तियों का अपमान करना इत्यादि और भी कई कारण हैं ।

इन उपरोक्त दोषों से बचाव कर सुखी और सम्पन्न जीवन जिया जा सकता है।

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