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स्त्री व पुरुष, इन दो लिंगों के बारे में तो सब जानते हैं, लेकिन इससे हटकर भी एक प्रजाति होती है, जिसे किन्नर या हिज़ड़ा कहते है. किन्नरों का वर्णन ग्रंथो में भी किया गया है. इनसे जुड़े वे रहस्य हम बताने जा रहे हैं, जो आज तक आप नहीं जानते होंगे.
इनकी दुआओं को बहुत ही पवित्र और शुभ फलदायी माना जाता है, पर क्यों ? क्या आप जानते हैं, कि किन्नर कहां रहते हैं ? क्या इनका विवाह भी होता है ? इनके देवी-देवता कौन होते हैं ? क्यों इनका आशीर्वाद शुभ माना जाता है ?
प्रभु श्री राम से मिला था आशीर्वाद :
प्रभु श्री राम जब 14 वर्ष के वनवास के लिए अयोध्या से गए, तब उनकी प्रजा और किन्नर भी उनके पीछे-पीछे चलने लगे। श्रीराम ने उन्हें अयोध्या लौटने को कहा। पर, जब श्रीराम लंका विजय के पश्चात 14 साल बाद अयोध्या लौटे, तो उन्होंने देखा बाकी लोग तो चले गए थे, लेकिन किन्नर वहीं पर उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। इससे प्रसन्न होकर प्रभु श्रीराम ने किन्नरों को वरदान दिया, कि किन्नरों का आशीर्वाद हमेशा फलित होगा। तब से बच्चे के जन्म और विवाह आदि मांगलिक कार्यों में वे लोगों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं ।
किन्नर एक रात के लिए शादी करते हैं, जानिए दिलचस्प कहानी :
आपको जानकर हैरानी होगी, कि किन्नर अपने ही देवता से केवल एक रात के लिए शादी करते हैं। इनके देवता का नाम इरावन है, जो कि अर्जुन और नाग कन्या उलूपी की संतान हैं। कहा जाता है, कि महाभारत युद्ध से पहले पांडवों ने मां काली की पूजा की, जिसमें एक राजकुमार की बलि आवश्यक थी। कोई भी राजकुमार जब तैयार नहीं हुआ, तो इरावन बलि के लिए तैयार हो गया, लेकिन उसने एक शर्त रखी, कि वह बिना शादी किए बलि नहीं चढ़ेगा। अब समस्या थी, कि कौन सी राजकुमारी इरावन से विवाह करे और अगले दिन विधवा होने को राज़ी हो। इस समस्या का समाधान श्री कृष्ण ने किया। श्री कृष्ण स्वयं मोहिनी रूप धारण करके आ गए और उन्होंने इरावन से विवाह किया। अगले दिन सुबह इरावन की बलि दे दी गई और श्री कृष्ण ने विधवा बनकर विलाप किया। उसी घटना को याद कर किन्नर इरावन को अपना भगवान मानते हैं और एक रात के लिए विवाह करते हैं।
कुंभ मेले में भी किन्नर समुदाय विशेष रूप से शामिल होते हैं। वैसे तो देश में साधुओं के 13 अखाड़ें हैं, लेकिन अब किन्नरों ने भी अपना एक अलग से अखाड़ा बना लिया है।
किन्नर अक्सर किसी ख़ुशी के मौके पर लोगो के घर आते है और उनसे पैसे मांगते है, तो लोग दिल खोल कर उन्हें दान भी करते है. किन्नर को दान देना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसीलिए कभी भी किन्नर को खाली हाथ वापस नहीं किया जाता है, जिससे कि उसकी अभिशाप न लगे।
ज्योतिष में माना जाता है, कि किन्नर बुध ग्रह को शांत करते है। इसलिए अगर किसी जातक को बुधवार के दिन ये आर्शीवाद दे दे, तो उसकी किस्मत खुल जाती है।